Shailaja Pathak
Others
मैने दिल व दिमाग को कब से उनके लिए बंद कर दिया था,
पर,
कभी दिल ने दिमाग की न सुनी और
कभी दिमाग ने दिल की,
अतः आवागमन चालू रहा।
दिल ने कुछ वास्ते दिए, दिमाग ने कुछ,
और मै चुप रही।
रामायण में मह...
मै नदी हूं
बोलो ना
अंगूठी
मेरा चांद
रेल की पटरी
कृति
मैं और तुम
अंगारे
यादें