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Shailaja Pathak

Others

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Shailaja Pathak

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दिल और दिमाग

दिल और दिमाग

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मैने दिल व दिमाग को कब से उनके लिए बंद कर दिया था,

पर,

कभी दिल ने दिमाग की न सुनी और

कभी दिमाग ने दिल की,

अतः आवागमन चालू रहा।

दिल ने कुछ वास्ते दिए, दिमाग ने कुछ,

और मै चुप रही।


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