धन्य
धन्य
छत्र-छाया मिलती संत शरण की, सौभाग्यशाली वह हैं बनते।
आनंद शांति की वर्षा होती, जीवन का वो क्षण "धन्य" है।।
चकोर बन आंखें उन्हें निहारती, हृदय पटल पर वो ही रमते।
रूप माधुर्य जिनको है दिखता, जीवन का वो क्षण धन्य है।।
श्रवण अपूर्व उत्कंठा बन, गुण गान उनका जो हैं सुनते।
आराध्य देव की कृपा होती, जीवन का वो क्षण धन्य है।।
नाम रूपी अमृत रस को, पीकर मतवाला जो हैं बनते।
सभी रस उसको जब फीके लगते, जीवन का वो क्षण धन्य है।।
नाम यशगान जो गुरु का करते, वाणी कुंठित जब उन्हें पुकारते।
करुण स्वर जब सिसखियां भरतीं, जीवन का वो क्षण धन्य है।।
मन-मयूर बन जब नाचने लगता, आराध्य के दर्शन हैं करते।
प्रेमनंद में "नीरज" मगन रहना, जीवन का वो क्षण "धन्य" है।।
