दौलत का लोभ...
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रात-दिन बस दौलत कमाता है आदमी |
फिर भी लोभ कम न कर पाता है आदमी।
रुपयों की चकाचौंध से अँधा हो कर,
ज़िंदगी भी दांव पे लगाता है आदमी |