"चन्दा मामा "
"चन्दा मामा "
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नील गगन में चंदा मामा,
तारों संग खेले आँख मिचौली ।
दूर- दूर जाकर छुप जाए,
ढूँढ न पाए तारों की टोली ।।
मुन्ना देखो चंदा तारे सारे,
कितने प्यारे कितने न्यारे ।
बिना रुके वो आते-जाते रहते,
अपने काम को करते पूरे ।।
क्या माँ उन्हें जगाती होगी,
या खुद ही समय पर आते हैं ।
मुन्ना यह प्रकृति माँ के बच्चे हैं,
वह स्वयं नियम से चलते हैं ।।
नियम से जागो नियम से उठो,
नियम से ही सभी काम तुम करो ।।
सफल रहोगे अपने जीवन में,
प्रकृति से यह पाठ पढ़ो ।।