चला गया
चला गया
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हैरान हर किसी को करके चला गया
अश्कों से आँख मेरी भरके चला गया
क़िरदार उस बशर का कैसे भला भुलाएं
कहते हैं लोग लेकिन मर के चला गया
नैनों में अपने अब तो रखिए जरा शर्म
आंचल ज़रा जो सरका सरके चला गया
जीवन के इस सफ़र में डट कर लड़ा मगर
ख़ुशियों की रागिनी से डर के चला गया
नेकी करो मुसाफ़िर हरदम जहान में
हाथों पे रब सितारे धरके चला गया!
