छुट्टी का दिन
छुट्टी का दिन
छुट्टी का दिन काट रहा है
हर कोई ताना मार रहा है
घर का बजट बिगड़ने पर
पत्नी कोप भवन में बैठी
बेटी देख -देख कर ऐंठी
बेटा लेक्चर छांट रहा है
छुट्टी का दिन काट रहा है ।
प्रातः नींद खुली जैसे ही
मुद्दे बन बैठे पैसे ही
माली से दूध वाला तक
माथा मेरा चाट रहा है
छुट्टी का दिन काट रहा है ।।
आँफिस में आज़ादी मिलती
प्रेम -पिटारी जब तब खुलती
किसने कितना किसको देखा
कौन चुगली चिट्ठियाँ बाँट रहा है
छुट्टी का दिन काट रहा है ।।।
घर में रौद्र- रूप का दर्शन
खाली गिरते- पड़ते बर्तन
रविवार को दिल हिल जाता
छोटा दिन विराट लग रहा
छुट्टी का दिन काट रहा है ।।।।