चौथा दिन...
चौथा दिन...
प्रिय डायरी,
चौथा दिन चौथा दिन
आज भी काफी देर से उठी
उठते उठते नौ बज गए
फिर हमेशा की तरह मैंने
अपने काम करने शुरू कर दिए
सब कुछ करते करते दोपहर हो गई
आज आलू के पापड किए
उसके बाद फिर खाना खाया
टीवी देखने लगी कुछ देर के बाद
मामी जी का फोन आया
उनके साथ बात करते वक्त जरा हलके से बादल
घिर आए
कुछ वक्त के बाद मैगी बना कर
खाई उसके बात बारिश शुरू हो गई
थोडी तेज और हलकी दोनो का एकंञित होने लगी
एेसा जब मौका हो ता गर्म चाय ना हो तो क्या मजा
चाय बनाकर मस्त माहौल का मजा लिया
शाम होने लगी
रात का खाना बनाना शुरू किया
आज पूरा खाना बनाया और अच्छा बना
मस्त खाना खाया
जरा सा बर्तन धोए बाकी काम किए
टीवी देखने लगी फिर कुछ वक्त के बाद
सोने के लिए चली गई।