चाय
चाय
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दस्तूर-ए-ज़माना है लोग चाय के इश्क़ को अंजाम दे बैठते हैं,
और मेरे हाथों से बनी चाय पीकर उसे नाम जाम दे बैठते हैं।
दस्तूर-ए-ज़माना है लोग चाय के इश्क़ को अंजाम दे बैठते हैं,
और मेरे हाथों से बनी चाय पीकर उसे नाम जाम दे बैठते हैं।