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Prafulla Kumar Tripathi

Others

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Prafulla Kumar Tripathi

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चांदनी !

चांदनी !

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ज़िंदगी को नया गीत

दे रही है चाँदनी |

आसमान से बरस -बरस,

जा रही है चाँदनी | |


भीग रहे प्राण - मन ,

दूधिया सी धार में |

एक छुअन , एक चुभन ,

दे रही है चाँदनी | |


सच कहूँ तो रेशमी

एहसास बनी चाँदनी |

मन की हर एक परत को ,

उघाड़ रही चाँदनी | |


चाँदनी की ऊर्जा ,

उतर रही मन - प्राण में |

प्रियतम की चाहत ,

बढ़ा रही है चाँदनी | |


ज़िन्दगी को नया गीत ,

दे रही है चाँदनी |

आसमान से बरस - बरस,

जा रही है चाँदनी | |






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