चांदनी !
चांदनी !
1 min
402
ज़िंदगी को नया गीत
दे रही है चाँदनी |
आसमान से बरस -बरस,
जा रही है चाँदनी | |
भीग रहे प्राण - मन ,
दूधिया सी धार में |
एक छुअन , एक चुभन ,
दे रही है चाँदनी | |
सच कहूँ तो रेशमी
एहसास बनी चाँदनी |
मन की हर एक परत को ,
उघाड़ रही चाँदनी | |
चाँदनी की ऊर्जा ,
उतर रही मन - प्राण में |
प्रियतम की चाहत ,
बढ़ा रही है चाँदनी | |
ज़िन्दगी को नया गीत ,
दे रही है चाँदनी |
आसमान से बरस - बरस,
जा रही है चाँदनी | |
