STORYMIRROR

Sri Sri Mishra

Others

3  

Sri Sri Mishra

Others

चांदनी रात

चांदनी रात

1 min
324

कैसे हो सकती है वो रात भयानक....

जिसमें जुगनू सितारे सिमटते होअचानक....

हो रूबरू चांँद अपनी रोशनाई से.....

ग़ज़लें सुनता है नीले आसमां से....

झिलमिल सितारे झाँकते हैं रेशमी घूँघट से....

किस्से बयां करते हैं उस फ़लक की इस जहांँ से।



Rate this content
Log in