★ बुढ़ापा आ रहा है ★
★ बुढ़ापा आ रहा है ★
1 min
286
उम्र का सूरज अब,
ढलान पर जा रहा है।
लगता है कि
बुढ़ापा आ रहा है।
बालों पर सफेदी छा गई,
चश्मे का नम्बर भी,
बढ़ने लगा है।
पाई -पाई जोड़ने में
कट गई उम्र सारी,
बची हुई है गिनकर सांसें ।
खर्च हो गई है,
अपनी दौलत सारी।
पालकर बड़ा जिनको किया था,
अब वही झिड़कने लगे हैं।
बात- बेबात वो,
हम पर बिगड़ने लगे हैं।
मरने से पहले, नहीं मरेंगे।
ये माजरा समझ में ,
अब आ रहा है।
हम हैं तैयार यहाँ,
आ जाये अगर
बुढ़ापा आ रहा है।