STORYMIRROR

Pushp Lata Sharma

Others

3  

Pushp Lata Sharma

Others

बसंत

बसंत

1 min
247

मेड़-मेड़ खेत-खेत गाँव-गाँव में समीर

मंद-मंद डोलती विहंस हंस दंग है।


डाल-डाल पात-पात पुष्प चूमते अलिंद

नेह-मेह नीति-रीति भा रही उमंग है।


झूम-झूम प्रात गान गा रहा बसंतदूत

पंख खोल मोर मग्न नाचता अनंग है।


कुंज कुंज है प्रसन्न देख भूमि स्वर्ण पर्ण 

आम्र वृक्ष बौर कोकिला कुहू मृदंग है।



Rate this content
Log in