STORYMIRROR

Dr.rajmati Surana

Others

3  

Dr.rajmati Surana

Others

बसंत बहार

बसंत बहार

1 min
216

गौरी का सौन्दर्य, करता मुझे घायल, 

सुध बुध भूल जाता,जब बजती पायल।


मदमाता आया बसंत, लेकर फूल हजार, 

पीली पीली सरसों से,धरा में आई बहार।


पलाश के फूल देखो, मन बहुत हर्षाय,

अलि क गुंजन से,मन मेरा भरमाय।


मद्धम मद्धम धूप में, करूँ मैं अठखेलियां, 

बहती हुई हवाओ में, झूमती है डालिया।


Rate this content
Log in