STORYMIRROR
बसन्त आगमन
बसन्त आगमन
बसन्त आगमन
बसन्त आगमन
फैली देखो ,अतुलित छटा,
रंग है रूप प्यारा।
आये छाए ,मदन जग में,
नेह का राग सारा।
झूले झूला ,कुसुम कलिका,
प्रेम के गीत गाते।
धारे सारे ,वसन नव है ,
वृक्ष में पात आते।
More hindi poem from गीता गुप्ता 'मन'
Download StoryMirror App