बरसाती मौसम
बरसाती मौसम
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रिमझिम बारिश में गाना क्या गाऊं
बारिश तो खुद ही गाना गाती है।
नए गीतों की क्या फरमाइश करूं
ये बादल की गर्जना को बुलाती है।
गिरते पानी की कौन सी फोटो लूं
ये खुद ही बिजली को चमकाती है।
किसको खाने में मन को क्या पूछूं
ये मौसम चाय पकोड़े का बनाती है।
इस पानी से कहां तक बच पाऊं
ये खुद ही हमें झमाझम नहलाती है।
ये बारिश का आनंद सब भुला जाता
खुद ही झम झम लोरी से सुलाती है।