भक्ति
भक्ति
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हे
केशव गिरधारी
गाएं आरती तुम्हारी
सुनलो अरज
हमारी।
तेरी
महिमा गाये
भक्ति तुम्हें पुकारे
दुख हरो
हमारे।
मैं
भक्त तुम्हारा
समझ नहीं पाया
तेरी माया
माधव।