भारत माता
भारत माता
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मायूस सी रहती है आज़ादी के बाद भी माँ भारती,
रूठी सी है माँ भारती
अब किसी से शिकायत नहीं करती,
किससे कहे अपने दिल का हाल।
दिल उनका जब जल गया
लाशें बिछी वीर जवानों की।
कल मांग में सिंदूर रचा
मेहँदी लगी शगुन की
आज शहीद हुया माँ तेरा लाल था,
क्या जानूँ प्रेम कहानी
लिखे जो पन्नों पर
टूटी कलम पहले थी
ऐसे थे मेरे वीर जवान
जिनकी किस्मत रूठी थी
मुसीबत जब जब आई
आगे वीर जवान थे
लड़खड़ाते पैर थे
हौसला बुलंद थे
शहीद हुये जो वो
मेरे शहीद भाई थे
न त्यौहार का मज़ा
न शौक पूरे हुया
फिर भी अमर हुए
वो माँ भारती के लाल थे।
