भारत का भाग्य
भारत का भाग्य
कब उदित होगा भारत का भाग्य
भ्रष्टाचार भयमुक्त होगा राष्ट्र
लोकतन्त्र का रथ
कब कीचड़ मुक्त होगा ।
ज्ञान को सत्ता संग न तौला जाएगा
कृषकों को उनका अधिकार मिलेगा
हर गाँव शिक्षा की रोशनी से जगमगाएगा
देश का हर बच्चा मुस्कुराएगा ।
बेटियाँ कोख में न मारी जाएँगी
दुर्गा संग लक्ष्मीबाई भी पूजी जाएँगी
ऊपर बैठा कुर्सीवाला ही नहीं
हर कोई अपना अधिकार पाएगा ।
कोई न भूखा सोएगा
न कोई आँसू बहाएगा
दीन जनों का कोई भाग्य विधाता होगा
कर थामने वाला कोई प्रतिपालक होगा ।
चित्कार न कहीं अत्याचार होगा
बापू का देखा सपना साकार होगा
कब उदय होगा सूर्य सपनों का
कब चमकेगा भाग्य अपनों का।
