बेटियों को हँसना मना है
बेटियों को हँसना मना है
"देख... तुझे विदाई के वक़्त एकदम सीरियस रहना है, रोना ना भी आए तो रोने की एक्टिंग करना है। बस ये समझ लो कि तुम्हें हँसना मना है!"
लतिका ने अपनी चंचल बेटी अंशु को शादी के समय समझाते हुए कहा। जो हर बात पर हँसती रहती थी और अपने मनपसंद लड़के से शादी होने की वजह से बहुत ख़ुश थी। उसने अपनी गोल गोल आँखें नचाते हुए अपनी माँ से कहा,
"माँ बताओ ये कैसी रीत बनाई है,
कि विदाई के समय ज़रूरी रुलाई है,
शादी तो एक खूबसूरत सा गठबंधन है,
फिर हमें करना क्यों पड़ता क्रन्दन है?
माँ भावुक होकर बोली,
"बेटियाँ ज़ब मायके से विदा होकर जाती है तो,
मायके वालों के विछोह से तड़पती हैं,
और ससुराल वालों से डरकर घबड़ाती हैं,
अगर ससुराल में उन्हें उचित मान व प्यार मिले,
तो हर लड़की विदाई पर भी खिल खिल करे!
