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Renuka Chugh Middha

Others

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Renuka Chugh Middha

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बेटियाँ

बेटियाँ

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इक हसरत बन वो

मुझ में पलती है,

आकर ख़्वाबों में

पलकों पे मचलती है,

बन इक ख़ूबसूरत

आरज़ू रहती है दिल में 


परी मेरी, नाज़नीन सी

नन्ही गुड़ियाँ

कभी -कभी झगड़ती है ,

रुनझुन -रुनझुन बजे

पायल मन आगंन में

खेल रही है , 

परछाईं इक -दूजे की है

हम दोनों का मेल यही है।।


आंचल में छुप कर माँ के

दिल को बहला लेती है,

हर जन्म तुझ को पाने की इच्छा,

मन में दौड़ रही है । 


पूरक है हम, बेटी मेरी वोह ,

मैं हूँ माँ उसकी 

महक उसकी हर पल

मुझ में बोल रही है ।।



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