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Dharm Veer Raika

Children Stories Romance Children

4.5  

Dharm Veer Raika

Children Stories Romance Children

बेटा तु कितना मासूम था ।

बेटा तु कितना मासूम था ।

1 min
257


बेटा तेरे मुंह की हंसी कितनी प्यारी थी

कहां गई तेरी हंसी जो सबसे न्यारी थी।


कैसे समझाऊं बेटा तू कैसा था

पर वैसा ही रे जैसा था।


मेरा सपना था तू महान बने

पर बेटा हमारी जहान बने।


बेटा हा तु आंखों का प्यारा

पर किसका हो गया अब न्यारा।


बैठा तू कितना मासूम था

जब तेरा जन्म हुआ था।


कहां गए वो तेरे यार

जो करते हैं तेरे से प्यार।


कितने लम्हों ने भरमाया तुझे

कितने लम्हों ने समझाया तुझे


पर क्यों मुरझाया इस जिंदगी से

रह मात- पिता का साया इन दरिंदगी से।


बेटा तेरे मुंह की हंसी कितनी प्यारी थी

कहां गई तेरी हंसी जो सबसे न्यारी थी।


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