STORYMIRROR

anita rashmi

Others

2  

anita rashmi

Others

बेंतरा

बेंतरा

1 min
187


बाँधकर बेंतरा में 

अपने छउआ-पुता को 

ये जो शहर की छाती पर, 

सँवारने शहर को घूम रही हैं 

एक माँ भी हैं। 


बच्चा कब छाती पर,

कब पीठ से बँधे बेंतरा में समा, 

कंगारू बन जाएगा

कह सकते नहीं,

ईंट भट्ठों, भवनों सहित सारे बाजार 

सड़क-गली में छा गईं ये, 

श्रम का अद्भुत ईमानदार प्रतीक बन 

पीठ पर बँधे अपने मुन्ने-मुन्नी के संग। 


नन्हां-मुन्ना सा बेंतरा 

पहचान है इनकी, 

खेत-खलिहान, पोखर-अहरा 

नदी-तालाब, सागर

गोहाल-बथान, पगडंडी 

कहीं भी मिल जाएँगी ये 

और इनका बेंतरा 


क्योंकि 

अपने बेंतरा में ये सिर्फ 

वर्त्तमान ही नहीं 

भविष्य भी ढोती हैं।


* बेंतरा = बच्चे को पीठ पर बाँधना


Rate this content
Log in