बे नाम खत
बे नाम खत
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एक बेनाम खत है,
कहो किसके नाम लिख दूं ,
क्या उसमें लिख दूं ,
बहुत कुछ है कहने को,
क्या सब कुछ लिख दूं ,
वो रातों के सवाल,
वो शाम का इंतज़ार,
वो अधूरा इजहार,
कहो क्या सब लिख दूं ,
वों मेरा खोया झुमका,
वो टूटा कांच,
क्या ये भी लिख दूं ,
तुम्हारी याद,
वो किस्से वो बात,
कहो तो ये भी लिख दूं,
एक बेनाम खत,
ना पता तुम्हारा याद,
ना ठिकाने की सुध,
कहो किस गली किस घर को लिख दूं ,
तुम तक पहुंचे उस मोहल्ले को लिख दूं ,
एक बेनाम खत है ,
कहो किसको लिख दूं! ,