STORYMIRROR

Shubhra Varshney

Others

3  

Shubhra Varshney

Others

बड़ी अजब दुनिया की रीत

बड़ी अजब दुनिया की रीत

1 min
268

कहीं मुखौटे झूठी खुशियों को लिए ओढ़े रहते,

कुछ एक बूंद हँसी को जीवन भर तरसते।


कोई लिए है बंधन प्यार में विश्वास के धागों से

कोई छला जाता हर दम अपनों के झूठे वादों से।


कहीं संवरते रिश्ते प्यार व तकरार से,

कहीं टूटती डोर प्रीत की अविश्वास की धार से।


कोई लिए रहता हरदम चंद कागजों की अकड़,

कहीं भाग्य कोसा जाए लिए खाली हाथ सिर को पकड़।


नसीब में किसी के बेशुमार प्यार और हजारों के खिलौने,

और कहीं पास में भी नहीं किसी के सोने के भी बिछौने।


कोई रात भर जागता अपने महलों के भी अंदर,

कहीं खुले आसमां के नीचे बहता नींद का समंदर।


विरासत का लिए है धन कोई दौलत से आगे,

कोई बनाता भाग्य अपना बुनकर मेहनत के धागे।


कोई रहता प्यार की धूप से तिलमिलाए,

कोई एक बूंद प्यार पाकर भी हरदम मुस्कुराए।


कहीं मिली हार तो कहीं सहज जीत,

बड़ी अजब है साथियों यह दुनिया की रीत।



Rate this content
Log in