बचपन की तस्वीर
बचपन की तस्वीर
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वो बचपन का दृष्य,
वो बचपन की यादें,
वो बचपन की बातें,
एक पल में मुझे,
वो पल महसूस करा गयी।
मेरी जिस्म में,
एक सुकून सा भर गयी।
मेरी नज़रों के सामने,
वो चलचित्र चला,
लम्हा फिर से वो ज़िला गयी,
मेरे बचपन की वो तस्वीर।
हल्की ठंड, हल्की धूप,
द्वार के बाहर बिछी चारपाई।
दादी की गोद,बुआ की रिझाई।
भैया को प्यार मुझे,चिढ़ाई।
सरसों के तेल से हुई मिसाई
एक बार फिर वो, बचपन याद आई।