बच्चों का संसार
बच्चों का संसार
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घर के आंगन में टिमटिमाते तारों से रोशन बच्चे,
इस संसार की वीरानगी को रोशन करते बच्चे,
खाली पड़े इस संसार को अपनी किलकारियों भरते बच्चे,
अपनी अठखेलियों से हर समझ को पराजित करते बच्चे,
होंं कितने भी नटखट लेकिन बहुत प्यारे हैं बच्चे,
माँ के सपनों की दुनिया के तारे हैं बच्चे
निस्पृह, निश्छल माँ की आंखों के तारे हैं बच्चे ।
