Amit Kumar
Others
तुम्हारी बातें
कुछ अनकही सी
हमेशा रह सी जाती है
या काबिल नहीं है हम
ज़ुबाँ यह कह ही जाती है
सभी कुछ तो गैरों सा
तुमने साझा किया हमसे
वो क्या आरज़ू है जो
बार बार अधूरी रह ही जाती है।
उम्मीद
सदक़ा
नायाब
शिद्द्त
सदा मेरी राहो...
जो तुमने दिया...
सदा के लिए......
तुम चाँद हो स...
पलकों की चिलम...
मेरे शब्द