बारिश थोड़ा आहिस्ता भिगोना
बारिश थोड़ा आहिस्ता भिगोना
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शुरुआत में थोड़ा आहिस्ता बरसना
सख्त मिट्टी के एहसास को समझना
तपिश से बेचैन जमीं की दरारें देखो
मिलने की आस में इन्हें मत तरसाना
आकर आहिस्ते आहिस्ते भिगोना
बारिश थोड़ा आहिस्ता भिगोना…
घर-आँगन, बरगद और चौपाल भी
रिमझिम बारिश के इंतजार में है
हवाओं के साथ देर तक बरसना
सौंधा सौंधा महकता रहे घर आँगन
बारिश थोड़ा आहिस्ता भिगोना...
बंदरों की उछलकूद से टूटी खपरेल
छत से टपकते पानी से भीगते बिस्तर
रिसती दीवारों में बनी बूंदों की आकृतियां
फुहार बनकर फिर बचपन याद दिलाना
बारिश थोड़ा आहिस्ता भिगोना...
तन-मन को जी भरकर भिगोना
रिस-रिसकर अंतस तक समा जाना
कोई ख्वाहिश न रहने पाए अधूरी
प्यास की आस हो जाए पूरी
बारिश थोड़ा आहिस्ता भिगोना…