बाल फौजी
बाल फौजी
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मेरे अंदर तो एक फौजी है
मैं बन कर भी दिखाऊंगा।
देश भक्ति के रास्ते हों जो
मैं मंजिल वही बनाऊंगा।
मां का आंचल मेरे साथ
मैं डर से नहीं घबराऊंगा।
आंख उठी जो सीमा पर
मैं आंख वो नोच लाऊंगा।
केवल वीरता के ही नहीं मैं
खेल के मेडल भी लाऊंगा।
इस मिट्टी ने प्यार दिया मैं
इस मिट्टी में मिल जाऊंगा।
मम्मी पापा का ही नही मैं
देश का अंश कहलाऊंगा।
