अतृप्त चाह
अतृप्त चाह
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इस बार फिर एक बार
पितरों के माह में
श्राद्ध रखा है,
एक अतृप्त चाह का,
जो कुछ साल पहले
मार डाली गई थी।
उसके तर्पण के लिए
श्रद्धांजलि अर्पण के लिए
आ जाना!
आ ही जाना!