कागा ढूंढें श्राद्ध में, भोग खिलाएं अन्न। तृप्त होय आशीष दें, होवें पितर प्रसन्न।। कागा ढूंढें श्राद्ध में, भोग खिलाएं अन्न। तृप्त होय आशीष दें, होवें पितर प्रस...
श्राद्ध के दिनों में पूर्वजों को अपनी अतृप्त चाह पुरी करने के लिए आने का आहवान करती यह कविता... श्राद्ध के दिनों में पूर्वजों को अपनी अतृप्त चाह पुरी करने के लिए आने का आहवान क...