अस्त और आगमन
अस्त और आगमन
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जब सूरज अस्त होता,
एक रमणीक दृश्य होता,
दो बेला मिलते,
दिन और रात का,
योग होता,
सूरज की लालिमा,
चारों ओर फैलती,
पक्षीयों और जानवरों को,
दाना पानी चुग,
घर आने का निमंत्रण देती,
अपनेे बच्चों के साथ,
दिन की आपबीती,
बांटने का समय देती।
सुबह जब सूरज चमकता,
तो प्रकृति मुस्कराती,
एक अंगड़ाई लेती,
रात की खुमारी,
निकाल देती,
एक नई ऊर्जा केे साथ,
दिन की शुरुआत होती।
