अश्रु
अश्रु
1 min
7
अश्रु
सोचती हूं अश्रु न होते,
तो पीड़ा का भार कैसे ढोते हम।
रोना समस्या का समाधान नहीं,
फिर भी रोते हम।
विपरीत हालात में स्थापित,
नहीं हो पाते हम।
पीड़ा जब गहन होती है,
रो देते हैं हम।
अश्रु पीड़ा बन बहते हैं,
हल्के हो जाते हम।।