अरमान
अरमान
1 min
90
छोटी सी चिंगारी को राख में दबा कर,
कल के लिए रखे हैं अरमान छिपाकर,
चिंगारी रही बाकी तो चूहा भी चलेगा,
जो आज ना मिला सका वह कल तो मिलेगा,
झांकी का चांद खिड़की से पर्दों को हटाकर,
कल के लिए रखे हैं अरमान छुपाकर।।1।।
पूनम की चांदनी हो या अमावस की राते,
शाम लाती है संघर्ष, बुलाती है सौगातें,,
घने अंधेरों से रोशनी बचाकर,
कल के लिए रखे हैं अरमान छिपाकर।।2।।
दिए की लौ तारों की झिलमिलाहट ,
छोटी सी रोशनी से चिड़ियों की चहचहाहट,
होठों को छू गई नन्ही सी मुस्कुराहट,
सपनों को अपनी आंखों में ही सुला कर ,
कल के लिए रखे हैं अरमान छिपा कर।।3।।