ऐसे रिश्तों से दूर रख भगवान
ऐसे रिश्तों से दूर रख भगवान
चंद फूलो को तोड़के, पौधे नही मुरझाते...
आश किसी को देके ,जब अपने मुकरजाते।
दिल दुखता है,की तू मेरा एक है...
पर मील ना सात जन्म दिल से दुआ है।
मेरा प्यार राधा की तरह नहीं ,जिस पर हक राधा का है
हम तो वो मीरा है,जिसने उस श्याम को पाने
की खातिर जहर का प्याला पी लिया।
इसलिए किसी तरह के रिश्ते निभाना हो तो
तो प्रेम से निभाओ ,
वरना ना राधा, बनो ना मीरा....
हमारे नजरो से भी दूर चले जाओ।
मतलवबी रिश्तों से ओर रिश्तेदारों से
दूर रख प्रभु ,जो गम कम करने की जगह
आँखों मे बस आँसू दे जाते है।
जब भी आते है,एक बुरा एहसास वापिस
दोहराते है।
