ऐ शहर - ए- लखनऊ !
ऐ शहर - ए- लखनऊ !
ऐ शहर ए लखनऊ तुझे हम सबका सलाम है।
तेरी अदा ओ हुस्न पर दुनिया भी कुर्बान है।।
ऐ शहर ए लखनऊ ....
तहजीब के माथे पर पल रहा है लखनऊ ,
इक अदब और इक अंदाज़ पर बढ़ रहा है लखनऊ।
हाथों की मेंहदी का गुलनारी रंग है लखनऊ।।
ऐ शहर ए लखनऊ ...
कुछ रंग बिरंगे फूलों का गुलदस्ता है लखनऊ ,
कुछ दीवानों मतवालों का रंगीला है लखनऊ।
इक गंगा जमुनी रिश्तों का परवाना है लखनऊ।।
ऐ शहर ए लखनऊ ...
कितनी भी दुनिया बदल गई बदला ना ये लखनऊ ,
कितनी भी सदियाँ बदल गईं , पिछड़ा ना ये लखनऊ।
कल भी अव्वल था आज भी अव्वल है लखनऊ।।
ऐ शहर ए लखनऊ ...
इक ज़िंदा शहर की ज़िंदा डगर है अपना लखनऊ ,
इक कशिश बढ़ाता इश्क बढ़ाता है यह लखनऊ।
एकजुटता और मुहब्बत की मिसाल है ये लखनऊ।।
ऐ शहर ए लखनऊ ....
