ऐ बारिश
ऐ बारिश
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बचपन में तेरे संग खेला है
पर अब तुझे महसूस किया है,
ऐ बारिश
मैंने तुझसे दिल लगाया है।
वो दौर था कागज़ की नाव का
अब दिल की कश्ती बहाया है,
ऐ बारिश
मैंने तुझसे दिल लगाया है।
पहले सिर्फ़ तन भीगा करता था
अब रूह को मेरी भिगोया है,
ऐ बारिश
मैंने तुझसे दिल लगाया है।
पहले ख़ामोश थी बौछारें तेरी
अब बूँदों को बातें करतें पाया है,
ऐ बारिश
मैंने तुझसे दिल लगाया है।
मौसम-ए-इश्क़ समझकर तुझको
अपना हाल-ए-दिल सुनाया है,
ऐ बारिश
मैंने तुझसे दिल लगाया है।