अब और नही रुक सकता मैं
अब और नही रुक सकता मैं
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अब और नही चूक सकता मैं
अब और नही झुक सकता मैं
बहे लहू के धार भले
अब और नही रुक सकता मैं ।
हो कांटे राहों में जितने
मसलना और कुचलना है
बाधक पथ का कौन बने
अब यही देखने चलना है।
घोर युद्ध अब होगा ही
और जीत हमारी निश्चित है
निकल पड़ा हूं समर भूमि को
अंत तेरा सुनिश्चित है।