STORYMIRROR

aazam nayyar

Others

4  

aazam nayyar

Others

आज़म

आज़म

1 min
234


ऐ यार नींद से ही मैं बेदार हो गया

मुझको ही इक हसीं से देखो प्यार हो गया  


खुशियां ही लौट जीवन से मेरे गयी सभी 

के दोस्त आज दिल मेरा आजार हो गया


यूं ही मैं लौट आया गली से मगर उसकी 

के आज कब उसी का ही दीदार हो गया


मैंनें कहा नहीं कुछ भी ऐसा मगर उसे 

क्यों मेरा आज मुझसे ख़फ़ा यार हो गया


आयी ख़बर उसी की मगर ऐसी रात कल 

 कल रात नींद से मैं तो बेदार हो गया 


आती नहीं ख़बर कोई भी सच्ची लिखी मगर 

काली सिहाई का अब अख़बार हो गया


मैं प्यार का गुलाब था नाजुक भरा बहुत 

के रोज़ नफ़रतें सहते अंगार हो गया


जिसमें मिठास थी ख़ूब आज़म भरी हर पल 

वो प्यार आज यार मगर खार हो गया. 


Rate this content
Log in