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Sudhir Kumar Pal

Others

5.0  

Sudhir Kumar Pal

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आज़ादी

आज़ादी

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आज़ादी की बात चली है, सभी माँगते आज़ादी।

आज ले रहे कल ले रहे, हर दिन पाते आज़ादी।।


घुट-घुट कर यूँ जीना कैसा, अब कोई क्यों ज़ुल्म सहे।

अब तो हम भी माँगेंगे, ऊँचे स्वर में बस आज़ादी।।


सदियों तक मेरे भारत का, बंटाधार किया जिसने।

ऐसी देशद्रोह की संगी कांग्रेस से आज़ादी।।


गांधीवादी माला जपकर मेरी भूमि जो लाल करे,

संविधान की आड़ में पीछे पीठ जो वार करे।


मानवता के असली वो दुश्मन है विदेशी मक्कारी,

आज नहीं बस अभी चाहिए ऐसे छलियों से आज़ादी।।


भारत के होकर भारत को नोंच नोंच कर खाते हैं।

लालू, अखिलेश, माया, नीतीश और स्टालिन से लो आज़ादी।।


एटा चोलबे ना उटा चोलबे ना बात यही रटती जाए।

बंगाल को बंगलादेश बनाने वाली ममता से आज़ादी।।


भारत के टुकड़े होंगे ऐसा कलमा जो पढ़ते हैं।

उस टुकड़े-टुकड़े भ्रष्ट गैंग से हम हैं माँगे आज़ादी।।


नस्लवाद, अलगाववाद की दीमक को अब राख करो।

मेरे घर को खाने वाले मार्क्सवाद से आज़ादी।।


जेनयू की बर्बादी कर मौज मनाते हैं पापी।

आतंकी उस अड्डे से अब हमें दिला दो आज़ादी।


पाकिस्तानी तलवे चाटे, सेना की शहादत पर हँसता।

काले नाग कन्हैया से अब हमें है लेनी आज़ादी।।


हर पल भारत की सीमा पर, बिच्छू सा लटका रहता।

ज़हरीले आतंकवाद से हमे दिला दो आज़ादी।।


आतंकियों की मौत पर छाती पटकाये रोने वाले।

छली मानवाधिकारी पिशाचों से लेनी है आज़ादी।।


रवीश, रायना, बरखा जैसे असहनीय तत्वों से।

बिकाऊ भड़काऊ पत्रकारिता से लेके रहेंगे आज़ादी।।


घर-घर हर घर अब पलते हैं एक नही जयचन्द अनेक।

देश का खा कर गरियाते इन भेड़ियों से आज़ादी।।


सनातनी के खून से होली खेली जिन ग़द्दारों ने।

सिंधिया जैसे आस्तीन के साँपों से चाहिए आज़ादी।।


श्रीराम नाम की महिमा पर अब व्यंग बाण जो कसते हैं।

उन मारीचों से सब लेलो आज अभी बस आज़ादी।।


हिन्दू की अब कब्र खुदेगी राग अलापे जाते हैं।

दस्यु हैं वे मारने लायक देदो उनको आज़ादी।।


ख़ूनी नँगा नाच नचा कर जमुनी तहज़ीब सिखाते हैं।

जिहादी इन ठेकेदारों से हमें चाहिए आज़ादी।।


जातिवाद की जड़ें उखाड़ो वर्ण व्यवस्था ले आओ।

मुगलई, अंग्रेजी व्यभिचार से भारत माँगे आज़ादी।।


प्रजातन्त्र है भारत भूमि भ्रष्टतन्त्र ना इसे करो।

हर ग़द्दारी मक्कारी से आज ही लेलो आज़ादी।।


काल कपाल महाकाल की जय-जयकार बुलंद करो।

अन्त करो हर पापी का सबको देदो आज़ादी।।।।



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