Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Nalanda Satish

Abstract

4  

Nalanda Satish

Abstract

आशना

आशना

1 min
435


अल्फाज कौनसे लिखू जो एहसास करा दे अपनेपन का मुझे

दबाकर कलम लबो मे सोचती रहती हूं मैं


बोती वही बीजों को जो संभालकर रखे थे मैंने

फिर से वही फसल को नए पन से काटती हूं मैं


कौन आया है पीकर अमृत इस जहान मे

जीते जी जिंदगी पर तरस खाती हूँ मैं


मेरे रूबरू था नादान दिल बेरहम आशना

मुट्ठी भर इश्क को हसरत की मानिंद छुपाती हूँ मैं


गलती से रखा था सल्तनत में तेरे हमने कदम

अभितलक रिहाई की ख्खाहिश न कर पाई हुँ मैं


मलमल के पांव पड़ते थे काँटो की दहलीज पर ' नालंदा

छलनी हुए रिश्तो को न सहज कर पायी हूँ मैं!



Rate this content
Log in