।।आर्यावर्त।।
।।आर्यावर्त।।
आर्य का मतलब श्रेष्ठ जन होता है
प्रेम भाव सौहार्द और अपनापन है
शुद्ध और सात्विक जीवन जिनका
खेती पशुपालन व्यवसाय जिनका
धरती का मध्य क्षेत्र आर्यावर्त कहाया
दूर दूर तक खूब अपना यश फैलाया
विशाल क्षेत्र में आर्यावर्त फैला था
सरस्वती से सिंधु तक फला फूला था
सिंधु सभ्यता उत्पन्न हुई इसी से
सरस्वती सभ्यता शामिल इसी में
वैदिक धर्म के थे आर्य सभी अनुयाई
नियम नीति सब वैदिक ही अपनाई
दुनिया में अनार्य वहीं कहलाया
वेद ब्रह्म विरुद्ध जो नियम बनाया
काबुल से कश्मीर तक फैला था
बहुत दूर तक आर्यावर्त फैला था।