आरंभ से अंत तक
आरंभ से अंत तक
शुरूआत है आरंभ तो तय भी अंत है।
मन में नई ऊर्जा और संकल्प अभी जीवंत है।।
रूकावटें चाहे कितनी भी आए !
डटकर सामना करेंगे हम बाधाएं चाहे जितनी भी आएं!
मत हो अधीर तुम ! सब्र रख गंभीर बन तुम।
समस्याएं चाहे बहुत सारे हो मगर समाधान भी अनंत है।
कर दिया प्रारंभ तूने तो निश्चित तय अंत है।
मन में आस के दीप जल रहे है उम्मीद की आशाएं अभी जीवंत है।
रास्ते तेरा रोकने के लिए न जानें कितने रोड़ें आएंगे।
जिसका तूने हित किया था वो तेरा ही अहित करने पर
उतारू बेखबर मस्त मलंग है! आरंभ है तो अंत है।
न जाने तेरे कितने शत्रु बनेंगे!
पर विनम्र भाव से सामना कर इनका ।
डटकर सामना कर इनका तेरे हौसले बहुत बुलंद है।
समस्याएं चाहे जितना भी मगर समाधान भी अनंत है।
शुरुआत है आरंभ तो तय भी अंत है। कर ले जिद्द तू !
संकल्प कर सिद्ध तू।
ठान लिया कुछ कर गुजरने को तो - लग जा प्रयास में तू,
जुट मंजिल की कयास में तू चाहे इसमें क्यों न प्राणों का होना अंत है!
कर दिया शुरुआत प्रारंभ से तो निश्चित तय अंत है।
समस्याएं है बहुत सारे मगर उनके समाधान भी अनंत है।
