STORYMIRROR

Arpan Kumar

Others

0.9  

Arpan Kumar

Others

'आओ'

'आओ'

1 min
27.4K


आओ

अपनी तमाम व्यस्तताओं के

बीच आओ

तमाम नाराजगियों के

रहते भी

आओ कि प्यार करें

इस अंधेरे में

एक-दूसरे से लगकर

एक-दूसरे को रौशन करें

आओ

कि दुनियादारी लगी रहेगी

कि इसी दुनियादारी में

प्रेम के लिए

भी कोई कोना

सुरक्षित रखना होगा

आओ कि बच्चे सो गए हैं

आओ कि

बड़ों का

एक-दूसरे से सुख-दुःख

साझा करने का

यही समय है

जानता हूँ कि

थकान हावी है शरीर पर

जम्हाई पर जम्हाई आ रही है

पोर-पोर दुःख रहा है बदन का

मगर आओ कि

कुछ देर और

विलंबित रखें अपनी थकान को

कल रविवार है

सुबह देर तक सोते रहेंगे

इसके एवज़ में

किसी भी सूरत में

सिर्फ इसके लिए

समय निकालना

आज भी हसरत की चीज़ है

कि गृहस्थी के तमाम

दबावों के बीच

इस प्रेम को भी एक

अनिवार्य अंग मानकर

चलना होगा

आओ कि घर की

उठापटक तो चलती रहेगी

कि इसी उठापटक में

प्रेम भी किया जाए

कि गृहस्थी में निश्चिंतता

कभी नहीं आ पाएगी

उसकी ज़रूरत भी नहीं   

आओ कि प्रेम करते हुए

कुछ निश्चिंत हुआ जाए ।


Rate this content
Log in