आंसू
आंसू
1 min
231
कोरी कोरी आँखों में गिले गिले आंसू
कैसे बंधाए धीर ये न्यारे खारे जासूस
ईसाई नहाए साँझ को, होत न कौनो कष्ट
वेद सुझाव ब्रह्म काल मिलत तबहुं रोगीष्ट
एक ही देश में भिन्नता भिन्न आचार विचार
कौन देत हवाला यह वसुदेव कुटुंब सार
स्त्री पुरुष के घर समभाव गुजारत दीन
तिनको बडो सम्मान टिकै न एकहूं दिन
बेटियों की शान है,पिता से ही अरमान है
मायका आबाद पिता से है,वरना सिर्फ एक मकान है
जिस घर में स्त्री-पुरुष के होत क़दर समभाव
तिनकों बड़ा सम्मान बिना किसी भेद भाव!