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samiksha sharma

Others

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आज़ादी की पहचान

आज़ादी की पहचान

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 आज़ाद हिंद की मैं पेहचान हूँ

 मुझे आज़दी चाहिए

 मुझे हू उस वीरता का पुरस्कार

 मुझे आज़ादी चाहिए


 खुले आसमान मे में उड़ान हूँ

 मुझे आज़ादी चाहिए

 झुके जो शीश मेरे आँचल में

उसी का आशीर्वाद हूँ

 मुझे आज़ादी चाहिए


 ख्वाबों के जहान में खुली पतंग सी हूँ

 मुझे आज़ादी चाहिए

 सालखों में कब तक रहूं केद 

 मुझे आज़ादी चाहिए


 पिंजरे मेरे बंद पंछी हूँ

 मुझे आज़ादी चाहिए

 दहलीज में हूं तो लक्ष्मी

वरना दुर्गा का रूप हूं

 मुझे आज़ादी चाहिए


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