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Dr Hoshiar Singh Yadav Writer

Others

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Dr Hoshiar Singh Yadav Writer

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आई रुत सुहानी

आई रुत सुहानी

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फाग महोत्सव मना रहे,

मचा हुआ जगत में शोर,

रुत सुहानी आ गई अब,

पवन करें मन को विभोर।


ढफ और ताशें बज रही,

होली मिलन गांव गली,

नहीं सर्दी नहीं अब गर्मी,

बागों में खिलती हैं कली।


मस्ती में झूम रहे हैं जन,

फसल पकी काटेंगे लोग,

दुलेेंंडी का रंग उड़ रहा है,

पकवानों का लगाते भोग।


मेले लगे हैं शहर व गांव,

कहीं कौवे करे कांव कांव,

इंसान की जिंदगी दो पल,

नहीं पता कब डूबेगी नाव।


होलिका दहन की तैयारी,

प्रिय की प्रियतमा है प्यारी,

मिलते छुपकर नर व नारी,

मोहनी मूरत लगती न्यारी।


चेहरों पर खुशियां छाई,

लो अब रुत मिलन आई,

बैर-भाव का त्याग करो,

दोस्ती हर जन को लुभाई।


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