मेरी ज़िम्मेदारियाँ मुझे मरने नहीं देंगी...! मेरी ज़िम्मेदारियाँ मुझे मरने नहीं देंगी...!
बच्चों की उदासी पर, खुद आँसु बहाए वो हमारी माँ कहलाए... बच्चों की उदासी पर, खुद आँसु बहाए वो हमारी माँ कहलाए...
मरते-मरते देश को, जिंदा मगर कर जाएँगे...! मरते-मरते देश को, जिंदा मगर कर जाएँगे...!
कि कैसे जिम्मेदारी, एक साफ माथे पर, चिंताओं की लकीरें खींच जाती है। कि कैसे जिम्मेदारी, एक साफ माथे पर, चिंताओं की लकीरें खींच जाती है।
हमको तो बस हमारा हक़ दे दो, माँगते कोई खैरात नहीं है ! हमको तो बस हमारा हक़ दे दो, माँगते कोई खैरात नहीं है !
ये तो है साझेदारी। जीवन की ज़िम्मेदारी चलो बाँट ले आधी-आधीI ये तो है साझेदारी। जीवन की ज़िम्मेदारी चलो बाँट ले आधी-आधीI