52 हफ्ते 52 कविता लिखकर जीतूँगी प्रतियोगिता 52 हफ्ते 52 कविता लिखकर जीतूँगी प्रतियोगिता
फिर कलम से कर ली थीं मैंने दोस्ती, दिल-ए-जज़्बात शब्दों में सजाने को। फिर कलम से कर ली थीं मैंने दोस्ती, दिल-ए-जज़्बात शब्दों में सजाने को।
वह सहसा ही मौन तोड़ता, और पूछता कब आओगे. वह सहसा ही मौन तोड़ता, और पूछता कब आओगे.
मुकम्मल हो रही है "मीन" एक अधूरी दास्तान तेरी कविता लिख जाने के बाद। मुकम्मल हो रही है "मीन" एक अधूरी दास्तान तेरी कविता लिख जाने के बाद।
तब से लेकर सारा वर्ष मिलता रहा मान। बढ़ चुकी मेरी सारे विश्व में शान।। तब से लेकर सारा वर्ष मिलता रहा मान। बढ़ चुकी मेरी सारे विश्व में शान।।
करतें है आगे हाथ मदद कर खुशियाँ पाने।। करतें है आगे हाथ मदद कर खुशियाँ पाने।।