देश भर की सभी प्रतिष्ठित पत्रिकाओं और समाचार पत्रों में व्यंग्य, कहानी, कविताएँ प्रकाशित
अचानक धूप को धक्का मार कर घुस आयी थी, अल्हड़ बसंती बयार अचानक धूप को धक्का मार कर घुस आयी थी, अल्हड़ बसंती बयार
सोचने कोतो बहुत कुछ है दुनिया में यारों... लेकिन सोचने से रोने से भी ज्यादा खूबसूरत इक हंसी है... तो... सोचने कोतो बहुत कुछ है दुनिया में यारों... लेकिन सोचने से रोने से भी ज्यादा खूबस...
आईना तोड़ने की कसम खाना चुपके से आईने का मुंह छुपाना आईना तोड़ने की कसम खाना चुपके से आईने का मुंह छुपाना
देखते देखते ये क्या हुआ पत्नी ने धीरे से पति कह दिया, मंदिर में घंटा बजाते हुए पु देखते देखते ये क्या हुआ पत्नी ने धीरे से पति कह दिया, मंदिर में घंटा बजा...
भूकम्प की चिंता, अफ़वाहों का जोर मायूस सड़कें, उदास लैम् भूकम्प की चिंता, अफ़वाहों का जोर मायूस सड़कें, उ...
बिन पानी के शरमाई टपकत रहो मदरसा कबसें धूल धूसरित भई पढ़ाई बिन पानी के शरमाई टपकत रहो मदरसा कबसें धूल धूसरित भई पढ़ाई
वक्त के साथ चलना चाहिए... ताे इन्सान कभी नहीं हार सकता... वक्त के साथ चलना चाहिए... ताे इन्सान कभी नहीं हार सकता...
राजनीति में नेतागण कैसे एक-दुसरे को पिछे खींचते है वह तीतर का उदाहरण दे के व्यंगात्मक ढंग से बताया ह... राजनीति में नेतागण कैसे एक-दुसरे को पिछे खींचते है वह तीतर का उदाहरण दे के व्यंग...
मुझे लगता है कि इन दिनों तुम्हें प्रेम का एहसास हुआ है। मुझे लगता है कि इन दिनों तुम्हें प्रेम का एहसास हुआ है।
सुख चैन छिना कैसी तरक्की मंहगे गुड़ चने में फंसी बेबसी। सुख चैन छिना कैसी तरक्की मंहगे गुड़ चने में फंसी बेबसी।